श्राद्ध कर्म पाखंड है श्रद्धा में है भाव श्रद्धा का है श्राद्ध से इतना-सा अलगाव। श्राद्ध कर्म पाखंड है श्रद्धा में है भाव श्रद्धा का है श्राद्ध से इतना-सा अल...
का भारत कैसा होगा ? सच पूछो, तो स्वर्ग से बढ़कर होगा। का भारत कैसा होगा ? सच पूछो, तो स्वर्ग से बढ़कर होगा।
मानवता भी पुनः लौटे, प्रकृति का भी श्रृंगार हो, सुखी, समृद्ध और निरोगी, एक नया संसार ह मानवता भी पुनः लौटे, प्रकृति का भी श्रृंगार हो, सुखी, समृद्ध और निरोगी, एक नय...
अपने सपेरे के हाथों बीन पर झूमती उसी के पास बने रहने हठ करती अपने सपेरे के हाथों बीन पर झूमती उसी के पास बने रहने हठ करती
जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में। जीवन टूट गये हैं उसके अनिश्चित स्नेह की प्रतीक्षा में।
ये त्याग का सागर है, जिसमें मोती दस हज़ार। ये त्याग का सागर है, जिसमें मोती दस हज़ार।